मेरे विचार जिन्होंने मुझे कुरेदा कुछ लिखने को, जो कलम के माध्यम से व्यक्त हो सकीं वे सभी रचनाएँ ही हैं : स्याहीरचना
Monday, 18 September 2017
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Vigilant India, Prosperous India
The prosperity of a country, in my opinion, is not linked to a few people who are earning billions and adding to per capita income which i...
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साधो, देखो जग बौराना । साँची कही तो मारन धावै, झूठे जग पतियाना । हिन्दू कहत,राम हमारा, मुसलमान रहमाना । आपस में दौऊ लड़ै मरत ह...
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हर साल हम दशहरे में अधर्म पर धर्म की जीत दिखाते हैं, हर साल रावण जलाते हैं, हर साल हम अधर्म का विनाश करते हैं राम के उस बाण से, लगभग हर ...
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एक दिन मैं कहीं बस में यात्रा कर रहा था। अम्बाला से कुरुक्षेत्र की और जा रहा था। उम्र यही कोई २२ साल थी। थोड़ी फुर्ती थी जब बस आई बस स्टॉ...