कुछ यूँ उस लड़की से मुलाकात हुई,
फिर दिल में आज एक नहीं बात हुई,
फिर दिल में आज एक नहीं बात हुई,
हौले हौले बातो की शुरुआत हुई,
धीरे धीरे उसके चेहरे पे मुस्कान हुई,
आज शायद कुछ अलग बात है।
होठों पे उसके आज मेरी ही बात है,
उफ़ ये होंठ उसके गुलाब से क्यों हैं,
ये आँखें उसकी इक झील सी क्यों हैं,
ये लट हाय! जैसे कोई बेल है,
ये तिल गालों पर सुंदरता की हद है।
खो जाऊं उसमे आज कुछ ऐसी बात हुई।
खूबसूरत तो वो हरदम लगती है।
जब जब पत्तो की बारिश में वो चलती है।
जब जब हवाएं उड़ती उसको छू जाती है।
जब जब उसके बालों की वो लट लहराती है।
जब जब हलके से वो कुछ कह मुसकते है।
जब जब आँखे उसकी मुझसे टकराती हैं।
मुझसे छुपती हैं शर्माती हैं,
मिलने को मुझसे कतराती हैं।
उमंगें हुईं हैं फिर जवां,
कि कुछ आज ऐसी उससे मुलाकात हुई।
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